वर्ष 2014-15 के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किये गये सड़क सुरक्षा उपाय-
- सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक, 1014 के मसौदे में किये जाने वाले सुधारों को क्रियान्वित करने के लिए दिल्ली में दिनांक 28 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी)की बैठक आयोजित की गई ।
- मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा पर विशेष बल देते हुए देशभर में एक मीडिया अभियान आयोजित किया गया था ।
- देशभर में 11-17जनवरी 2015 के दौरान सुरक्षा मात्र एक नारा नही बल्क यह जीवन का मार्ग है’’ विषय के साथ 25वां राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया गया था । मंत्रालय द्वारा एक नया सड़क सुरक्षा लोगो भी जारी किया गया । सड़क सुरक्षा और इससे संबंधित पहलुओं के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक बनाने के लिए दिनांक 11 जनवरी 2015 रविवार को सांकेतिक सड़क सुरक्षा वॉक (यात्रा)का आयोजन किया गया था ।
अन्य प्रमुख उपाय-
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सड़क दुर्घटना के पीडि़तो के लिए राशिमुक्त निशुल्क उपचार के लिए पायलट परियोजना यह परियोजना प्रथम 48घंटों के लिए सड़क दुर्घटना के पीडि़तो को 30,000 रूपये तक की सीमा तक निशुल्क राशिमुक्त उपचार प्रदान करती है ।
- साइकिल चालकों को सुरक्षा मंत्रालय ने साइकिलों की दृश्यता में सुधार करने के मुददे को उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक व्यूरों (वीआईएस))के समक्ष प्रस्तुत किया है।
- मंत्रालय ने बस बॉडी विनिर्माताओं को मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया जारी की है ।
- मंत्रालय ने परिवहन वाहनों की विशिष्ट श्रेणियों में स्पीड गर्वनरों के अनिवार्य फिटमेंट के लिए अनुदेश जारी किए है । 5; सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा गठित समिति में तिपाहिया ऑटोरिक्शा में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपायों की सिफारिश की है । स्वीकार की गई सिफारिशों से सभी संबंधित पक्षों को अवगत करा दिया गया है । ताकि इन्हें क्रियान्वित किया जा सके ।
- ड्राइविंग लाइसेंसों और पंजीकरण प्रमाण पत्रों के विधिक डाटा के डिजिटलीकरण के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन पंजीकरण के लिए एनआईसी साफटवेयर के माध्यम से तथा वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंसों के लिए’’ सारथी’’के माध्यम से देशभर में जिला परिवहन कार्यालयों/क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों के कम्प्यूटरीकरण को सुलभ बनाया है ।
- मंत्रालय में ट्रैक्टर टैलर संयोजन को छोड़कर अन्य वाहनों की कतिपय एन;2 तथा एन;3 श्रेणी में वाहनों में फिट किये जानेके लिए एंटी ब्रेक प्रणाली को अनिवार्य बनाया है ।
- दिनांक 01-04-2015 को या उसके पश्चात निर्मित परिवहन वाहनों और विशेष प्रयोजनवाहनों को छोड़कर श्रेणी एम(1) मोटर वाहनों के लिए आईएसओ 72-2009 में शिशु रिस्ट्रैट प्रणाली को अनिवार्य बना दिया है ।
- मंत्रालय ने इलैक्ट्रानिक टोल एकृत्रण तथा अनुप्रयोगों के लिए एम तथा एन श्रेणी के वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग के संस्थापन को अनिवार्य बना दिया है । 10; तिपहिया वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को और अधिक सुविधा व आराम उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में ‘’क्वाडिृसाइकल’’ की एक नई श्रेणी आरंभ की गई है ।